गठिया-बाय से अब हमेशा के लिए छुटकारा [ Get rid of arthritis-by now forever ]


गठिया-बाय से अब हमेशा के लिए छुटकारा [ Get rid of arthritis-by now forever ]

गठिया बेवके बारे में एक मिथ यानी के भ्रम या झूटी बात ?

आपने भी शायद अंग्रेजी दवाइयों के डॉक्टरों के मुँह से यानी के एलोपैथी में ये सुना होगा के गठिया-बाय जैसी बीमारी का कोई भी परमानेंट यानी के पक्का इलाज नहीं है ।

और हम लोग भी इन अंग्रेजी डॉक्टरों और इन अंग्रेजी दवाइयों के भरोसे चलते रहते हैं, या उम्मीद ही छोड़ देते हैं ।

पर क्या ये सही है ?

अगर आपके साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ है तो ये पोस्ट आपके लिए बहौत ज़रूरी है ।

वो कहते हैं ना के डूबते को तिनका काफी ।

यो अगर कोई उम्मीद है ही नहीं तो जरा आइये । भरोसा करके देख लेते हैं ।

मैं अपने ही जीवन का अनुभव आपको बताने जा रहा हूँ ।

अपनी आंखों देखा हुआ ।

गठिया-बाय क्या है ?


मैं कोई डॉक्टर तो नहीं हूँ पर फिर भी में अपनी छोटी-मोटी जानकारी के हिसाब से मोटा-मोटा बता देता हूँ के गठिया-बाय में हमारे शरीर के जोड़ों में तकलीफ होती है । जोड़ों में सूजन और टकराव जैसी स्थिति के कारण बहौत पीड़ा होती है ।

वैसे तो गठिया बाय किसी एक अकेली बीमार का नाम नहीं हैं ।

कई तरीके की बीमारियां है जो इस बीमारी के अंदर आती हैं ।

मुख्यतः 

गठिया-बाय का इलाज क्या है ?

यह एक देसी और परमानेंट इलाज है ।

इलाज करने से पहले आपको खुद पर, ऊपर वाले ओर, और हमारे आयुर्वेद के वरदान पर भरोसा करना ही पड़ेगा ।

तो इलाज ये है के सबसे पहले आपको हारसिंगार पेड़ के 5-7 पत्ते चाहिए ।

हारसिंगार के पेड़ को पारिजात, किन्तूर, राजा-रानी, नाईट जास्मिन और ऐसे ही अन्य नामों से भी जाना जाता है ।

तो इन 5, 7 पत्तों को मिक्सी या सिलबट्टे पर या किसी भी अन्य तरीके से पीसकर चटनी बनालें ।

फिर इसमें 1 ग्लास पानी मिलादें ।

उसके बाद इस घोल को उबाल दें ।

इसको तब तक उबालें जब तक कि वह पानी आधा न हो जाये ।

फिर इसे ठंडा करने के बाद सुबह खाली पेट पी जाएं ।

और अगर आपके लिए मुमकिन हो तो बचे हुए नीचे के पत्तों को चबा-चबाकर खा जाएं ।

और अगर किसी भी वजह से आप उन्हें न भी खा पाएं तो कोई बात नहीं ।

आप इसे छानकर भी पी सकते हैं ।

इससे फर्क केवल इतना पड़ता है के अगर आप इसके पत्तों के सेवन करते हैं तो थोड़ा जल्दी आराम होगा । और अगर केवल इसका पानी पीते हैं तो थोड़ा कुछ और समय लगेगा । ज्यादा नहीं । पर थोड़ा बहुत फर्क पड़ता है ।

इस काढ़े को तैयार करने या बनाने का सही समय ?


वैसे तो आप इसे सुबह भी तैयार कर सकते हैं परंतु उसके लिए आपको लगभग 1 से डेढ़ घंटे का समय लग जायेगा ।

टैब तक आप पानी पी सकते हैं ।

या दूसरा समय है के आप इसे रात को बनाकर रखलें और सुबह को उठते ही इसे पी लें ।

इस काढ़े को पीने का सही समय क्या है ?


इस काढ़े को पीने का सबसे उचित समय है सुबह खाली पेट ।

आप चाहें तो उठते ही इसका सेवन कर सकते हैं या फिर अगर आप चाहें तो हमेशा की तरह हमारी सबसे ज़रूरी जीवन शैली के अनुशार पानी पीने के बाद भी इसका सेवन कर सकते हैं ।

जी हाँ, यहाँ बात तो किसी और चीज़ की चल रही है परंतु में आपको एक और ज़रूरी बात बताने चाहूंगा के यदि आप स्वस्थ जीवन चाहते हैं तो ऊनी जीवन शिकी में कुछ ज़रूरी बदलाव करने होंगे । जैसे की सबसे पहले तो सुबह उठकर गुनगुना पानी पीने की आदत ज़रूर डालें ।

और पानी को पीने की जल्दबाजी न करें । वरना उससे कई और बीमारियाँ पैदा होती हैं ।

पानी को जब भी पीएं मुँह में चारो तरफ घुमाकर, जैसे कि कुल्ला करने के लिये घुमाते हैं ।

इस तरीके से पानी को पीएं ।

ऐसे इसलिए करते हैं जिससे कि हमारे मुँह में बनी अत्यधिक ज़रूरी वो लार, उस पानी के ज़रिए हमारे शरीर में जा सके ।

इससे जो हमारे पेट में एसिड यानी के अम्ल बना होता है वो शांत हो जाता है ।

क्यूँकि हमारी ये लार एल्कलाइन यानी के क्षारीय होती है ।

तो चलिए ठीक है इसी के साथ बात को खत्म करते हुए आप सभी से विनती करते हैं के इस पोस्ट और ऐसी ही तमाम जानकारियों को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँचाने में हमारी मदद करें ।

अगर आप चाहे तो हमें नीचे दिए गए सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर सब्सक्राइब या फॉलो भी कर सकते हैं जहाँ हम हिंदी और इंग्लिश भाषा में...

इन सभी से संबंधित जानकारी भी देते रहते हैं। ( हिंदी और अंग्रेजी भाषा में )

पोस्ट को पढ़ने के लिए, आप सभी के इतने सपोर्ट और प्यार के लिए, Bharat TWG ( The World Guru ) / भारत TWG ( द विश्व गुरु ) की तरफ से आपको दिल से धन्यवाद ।

0 Comments